वह झील जहां सपनों की छाया होती थी - Suniti Chandra Mishra

वह झील जहां सपनों की छाया होती थी

By Suniti Chandra Mishra

  • Release Date: 2012-08-25
  • Genre: Dichtung

Beschreibung

“वह झील जहाँ सपनों की छाया होती थी” इस शीर्षक कविता सहित 49 भाव-प्रवण कविताओं का संकलन है जिसमें एक युवा कवि-मन की मिश्रित भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति हुई है। इस संकलन की प्राय: सभी कविताएं कवि ने 18-25 की आयु-अवधि के बीच लिखी थी। अत: उनमें बुद्धि और तर्क के निरर्थक प्रलाप की जगह भावुकता का सहज संप्रेषण और प्रवाह है। मूल स्वर रोमांटिक, प्रकृतिवादी और सौन्दर्यवादी है किन्तु उसमें मानवतावाद, युवा मन के विद्रोह, दिव्य चेतना के अनुभव और प्रेम की उदात्तता जैसे तत्वों की भी अनुभूति होती है। आधुनिक कविता के छंदहीन, अनुशासनहीन और विकृत मनोविकार से कहीं दूर ...... कविता के नैसर्गिक मधुर लोक में विचरण कराने वाला एक अत्यंत पठनीय काव्य-संकलन। READ IF YOU ARE TOO TIRED OF NOWADAYS एक कप टी / तुमने दी / हमने पी / ही ही ही poems.